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Tuesday, May 17, 2011

किसी भी सरदार का अपमान करने के पहले एक बार सोच लें


मै कुछ और लिख रहा था लेकिन उस लेख को विस्तृत रूप से लिखने के लिए मुझे कई संदर्भ भी देना पड़ेंगे और उस वजह से पहले वो संदर्भ भी लिखते जा रहा हूँ ऐसे ही संदर्भो मे एक बात आती है सरदारो की.

हमारे देश मे कई भाई ऐसे हैं जो खुद को हिंदू कहते है और वो सरदारों का अपमान करने के लिए सरदार जी १२ बज गई जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं लेकिन इस बात के पीछे जो कारण है उसे जानने की कोशिश कभी भी नहीं करी उन्होंने और ना ही ये जानने की कोशिश करी की ये धर्म आया कहा से था.

कोशिश करूँगा छोटे मे लिखने की.

जब विदेशी मुगलों ने हमारे देश की सपंती और अस्मिता पर हमला करते हुए हमारा धन और हमारी बेटी बहुओं को लूटने और फिर जत्थो मे मुग़लो की आरामगाह मे ले जाने की कोशिश करी तो उनके खिलाफ सरदारों का एक समूह इक्कट्ठा हुआ और ऐसे किसी भी जत्थे को रोकने के लिए उनका कोड वर्ड बना १२ बज गई. और इस कोड का इस्तेमाल कर के उस समय के हिंदू अपने बड़े भाई सरदारों से मदद की गुहार करते हुए कहते थे १२ बज गई है और इसका मतलब होता था "भाई हमारी बहन बेटियों की इज्जत खतरे मे है, हम कमजोर है और आप ताकतवर आप छोटे भाइयों की मदद करिये'.

और ये सुन कर बड़े भाई अपने छोटे भाइयों की मदद को दौड जाते थे बिना अपनी जान की परवाह किये.

इस कोड का नाम १२ बज गई इस लिए रखा गया था क्युओंकी ऐसे जत्थे अधिकतर रात मे ही जाते थे और ये समय बताना लगता था ना की कोई कोड वर्ड. इसका फायदा ये होता था की मुग़ल सैनिक गच्चा खा जाते थे.

और बिना जाने समझे लोग इन जुमलों का उपयोग करते रहते हैं.

एक किस्सा और भी जो मेरे साथ गुजरा हुआ सच्चा किस्सा है

कुछ ७ साल पहले हम कुछ लोग एक बस मे जा रहे थे और उसमे एक सरदार जी भी थे जो की थोड़े उम्र दराज से. हम सब की उम्र १८-१९ साल के बीच थी और लड़के सरदारो पर चुटकुले सूना रहे थे और सरदार जी शांति से बैठे थे, थोड़े देर बाद हुआ यूँ कुछ लड़के अपमान पर उतर आये और सरदारों का अपमान करने लगे, मै और एक और लड़का उन्हें मना करते रहे लेकिन वो लड़के नहीं माने और सरदार जी की सब्र का बाँध टूट गया. वो उठे और अपने बैग मे से कुछ निकलने लगे तो एक लड़का बोला देखो सरदार जाग गया.

सरदार जी ने अपने बैग से कुछ सिक्के निकाले थे और एक एक सिक्का और उनका कार्ड सभी लडको को देते हुए कहा जिस दिन भी कोई सरदार तुम्हे भीख मांगते हुए दिख जाए उस दिन ये सिक्का उसे भीख मे दे देना और मुझ से आ कर मिल लेना मै सरदार के पांचो लक्षण छोड़ दूंगा.

वो सिक्का आज भी सारे लडको के पास रखा हुआ है क्योंकि किसी को देने के लिए कोई सरदार भिखारी मिला ही नही.

तो आगे से कम से कम ये दो बाते जरूर ध्यान मे रख लीजियेगा किसी भी सरदार भाई का मजाक बनाने के लिए 

2 comments:

vandana gupta said...

ये तो बिल्कुल नयी बात पता चली है कुन्दन्…………शुक्रिया।

vivek sahai said...

जानकारी रोचक थी...

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