मुझ से इस बात के लिए कई लोग नाराज हो सकते हैं जो सिर्फ हिंदू हिंदू या मुस्लिम मुस्लिम करते हैं .... आज जो हालात देश के हैं उन हालातो मे अगर किसी को कुछ याद रहना चाहिए तो वो सिर्फ ये याद रहना चाहिए की देश कुछ विदेशी लोगो और विदेशी सोच के गुलामों के हाथो मे कैदी पड़ा हुआ है|
आज भी देश के हालात शायद ४७ के पहले जैसे ही हो रहे हैं जहाँ बोलने की आजादी नहीं थी, अपनी जायज मांगों को पूरा करने के लिए अनशन करना पड़ता था या अपनी बात को बहरी हो चुकी संसद और लाचार होते देश वासियों तक पहुँचाने के लिए तमाचे के धमाके की जरूरत पड़ने लगी है|
देश का रुपया देश के हुकुमरान लूट कर विदेश ले जा रहे हैं और हमारे देश को खोखला कर रहे हैं, मुमकिन है इसी पैसे से किसी विदेशी आतंकवादी संगठन की जाने अनजाने मदद भी हो रही हो |
आज हमारे देश के प्रधान उसी हालात मे है जैसे ४७ के पहले थे बिना ताकत के, और चंद समझदार हिंदू और चंद समझदार मुसलमान भी बिलकुल वैसे ही हालात मे है जैसे ४७ के बिलकुल पहले थे ... जिन्ना और नेहरु की राजनीती के कारण दो हिस्सों मे बंटे हुए |
हम आज भी आजादी की मांग कर रहे हैं और हमने आजादी की मांग तब भी की थी और हम इन राजनेताओं के चलते तब भी दो टुकडो मे बंटे थे और आज भी ये सत्ता के लालची घटिया नेता हमें दो हिस्सों मे ही बाँट कर रखना चाहते हैं |
आजादी के लिए अगर चन्द्रशेखर आजाद ने संघर्ष करा था तो अशफाक उल्ला खां ने भी फांसी को चूमा था , अगर आप हिंदू होने के दम भरते हुए अश्फाक उल्ला खां की कुर्बानी को सोच कर आप की आँखे न छलछला जाए और लहू उबाल न मारने लगे तो धिक्कार है आपके भारतीय होने पर, अगर आप खुद को मुस्लिम कहते हैं और चंद्रशेखर आजाद की पेड के नीचे रखी लाश को दिमाग मे चित्रित कर के भी आप का कलेजा न फटे खून न उबले तो लानत है आप को खुद को भारतीय मुसलमान कहने पर |
भगतसिंह को तो आज भी भारत और पाकिस्तान मे एक जैसा ही सम्मान दिया जाता है उनके बारे मे तो कहना ही क्या |
यहाँ मै हिंदू या मुसलमान की नहीं हिंदुस्तान की, भारत की बात करना चाहता हूँ | आज जिन मुश्किल हालातों मे देश है उन हालातों मे हमें हिंदू मुस्लिम के नाम पर एक दुसरे से लड़ने की नहीं बल्कि एक हो कर भ्रष्टाचार से, विदेशी ताकतों और विदेशी गुलामो से लड़ने की जरूरत है, ताकि हम हमारे देश को फिर से वही बना सके |
आजादी को पाने मे हिंदू मुस्लिम सिख तीनो ने अपना पूरा योगदान दिया था तो आज इस भ्रष्टाचार के विरोध मे खड़े होने के बजाय हम हिंदू और मुस्लिम के नाम पर क्यों लड़ रहे हैं|
और ये शिकायत मै किसी हिंदू से नहीं कर रहा हूँ, किसी मुस्लिम से भी नहीं कर रहा हूँ मै ये शिकायत कर रहा हूँ भारतवासियों से ..अगर आप भारतवासी है तो ही आप को भारत माता की तकलीफ समझ आएगी हिंदू मुस्लिम इस तकलीफ को नहीं समझ सकते |
मेरी आप से सिर्फ इतनी चाहत है की आप उसका साथ दें जो आप को सही लगे ..अगर आप को लगता है अन्ना हजारे गलत है तो उनका साथ मत दीजिए, रामदेव का साथ दीजिए ..वो भी गलत लगते हैं तो सुब्रमण्यम स्वामी का साथ दीजिए वो भी गलत लगते हैं तो जिस पर आप भरोसा कर सकते हैं उसका साथ दीजिए भ्रष्टाचार के खिलाफ | बस हिंदू मुस्लिम की बहस मे मत पडिये, हिंदू मुस्लिम के नाम पर मत लड़िए और जो लड़ा रहे हैं उनसे दूर रहिये.
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