टीवी पर एक विज्ञापन आता है (शायद होर्लिक्स या बौर्नवीटा का ) अगर उसे कांग्रेस और आम जनता के संवाद से बदल दिया जाये तो आज शायद कुछ ऐसा संवाद बनेगा
कांग्रेस : हम लोकपाल ले कर आ रहे हैं |
आम जनता : अच्छा, पर भ्रष्टाचार के लिए क्या कर रहे हैं |
कांग्रेस : अरे हम लोकपाल ले कर आ रहे हैं |
आम जनता : अच्छा, पर भ्रष्टाचार के लिए क्या कर रहे हो |
कांग्रेस : "अरे बेवकूफों बताया तो की हम लोकपाल के कर आ रहे हैं "|
आम जनता : अच्छा, पर क्या उस लोकपाल से भ्रष्टाचार कम होगा या बढ़ेगा | अगर भ्रष्टाचार रोकना है तो ऐसा कानून लाओ जो जनता की मदद करे जनता का खून चूसने वाले नेताओं और सरकारी अधिकारीयों की नहीं |
कांग्रेस : सी बी आई अधिकारी को फोन पर "इस आम जनता के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत लाओ" | आम जनता से "देखो हम इसे आम जनता के फायदे के लिए ही बना रहे हैं" | मीडिया कर्मियों को फोन "इस आम जनता का नाम किसी भी फालतू की बात में फंसाओ" | आम जनता से "देखो ये संसद के लोग (जो की आधे तो गंवारो से गए गुजरे हैं, और कुछ गुंडों की तरह लड़ते हैं) जनता की भलाई के लिए ही काम करते हैं | पार्टी के लोगो से "इस आम जनता के खिलाफ धरने करो प्रदर्शन करो" | आम जनता से "आप घर जाओ हम इस समस्या का समाधान निकाल लेंगे "
आम जनता जैसे ही मुडेगी
कांग्रेस : ट्यूबेल , पिग्विजय , कुखर्जी , बीमारी, म्रभा , जाओ इस आम जनता के खिलाफ बयानबाजी शुरू करो कल तक लोगो का ध्यान तुम्हारे बयानो पर आ जाना चाहिए इस भ्रष्टाचार पर नहीं |
1 comments:
इस लेख से काफ़ी हद तक कुछ स्पष्ट करने का प्रयत्न हुआ है
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